देवेश प्रताप
प्यार एक ऐसा अनोखा बंधन जो उम्र का फासला नहीं जानता है .......प्यार में जब भी दिल खोता है तो बच्चे जैसे हो जाता है । हाल में इश्किया फिल्म में गुलज़ार साहब ने अपनी अनोखी रचना को पेश किया .......''..दिल तो बच्चा है जी थोडा कच्चा है जी '' बहुत ही सुंदर शब्द दिए है गुलज़ार साब ने .........और बोल दिया है राहत फते अली खान ने ....तथा संगीत से सवारा है विशाल भारद्वाज ने .......सचमुच इस संगीत सुन के बहुत अच्छा लगा। बदलते वक़्त के साथ संगीत में भी काफी बदलाव आया है सभी गाने तो दिल तक नहीं उतर सकते है लकिन ये तो दिल में उतर गया..........इस गाने का ऑडियो लिंक हमें प्राप्त नहीं हुआ इसलिए ...ये गाने के शब्द डाल दिया है ....
प्यार एक ऐसा अनोखा बंधन जो उम्र का फासला नहीं जानता है .......प्यार में जब भी दिल खोता है तो बच्चे जैसे हो जाता है । हाल में इश्किया फिल्म में गुलज़ार साहब ने अपनी अनोखी रचना को पेश किया .......''..दिल तो बच्चा है जी थोडा कच्चा है जी '' बहुत ही सुंदर शब्द दिए है गुलज़ार साब ने .........और बोल दिया है राहत फते अली खान ने ....तथा संगीत से सवारा है विशाल भारद्वाज ने .......सचमुच इस संगीत सुन के बहुत अच्छा लगा। बदलते वक़्त के साथ संगीत में भी काफी बदलाव आया है सभी गाने तो दिल तक नहीं उतर सकते है लकिन ये तो दिल में उतर गया..........इस गाने का ऑडियो लिंक हमें प्राप्त नहीं हुआ इसलिए ...ये गाने के शब्द डाल दिया है ....
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फिल्म - इश्किया
रचना - गुलज़ार
गायक - राहत
बात तो सही है जी ।
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