आँखों में एक अहसास का जन्म होता
पानी की बूंदों जैसा होता है,
छलक आती है ये बूंदे
जब मन रो पड़ता है,
निकल आती है बूंदे ये तब
जब खुशियों का मेला होता है ,
सारे दर्दों को समेट कर
एक बूंद बन जाती है ,
बिखर जाती है ये बूंदे
आँखों से विदा होकर ,
इन बूंदों में अजीब अदा होती है
पत्थरों को भी नरम कर देती है ,
ये आंसू ही है जो ,
इंसान होने का अहसास दिलाती है ॥
ये आंसू ही है जो ,
ReplyDeleteइंसान होने का अहसास दिलाती है ॥
VERY GOOD HAI JI
KUNWAR JI,